जिला लखनऊ। 21 सितम्बर 2013 का विधान सभा पै मुजफ्फर नगर साम्प्रदायिक दंगा के बारे मा किहिन धरना प्रदर्शन।
कम्युनिष्ट पार्टी कै महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य कहिन कि मुजफ्फर नगर मा जवने तरह से करीब पन्द्रह दिन तक साम्प्रदायिक दंगा भा अउर पचास से ऊपर मनई कै मउत होइगै ऊ बिना राजनीति के नाय होय सकत। जवने प्रकार से नरेन्द्र मोदी के शासन मा गुजरात का जलै दिया गै वही प्रकार से समाजवादी पार्टी कै सरकार मुजफ्फर नगर का जलै दिहिस। प्रदेश अउर जनता यकै जबाव मंगिहैं अउर सपा सरकार का जबाव दियै का परे।
माले महासचिव कहिन कि हम मांग करत हई दंगा के तरकत के सामने सरकार का झुकै का नाय चाही अउर कानून का आपन काम करै का चाही। दंगा कै दोषी जे हुवय चाहे भाजपा कै हुवय या केहू अउर सबका गिरफतार करै का चाही। भारतीय राज्य मा साम्प्रदायिकता से लड़ै कै इच्छा शक्ति अउर ताकत नाय बाय। अगर यस हुवत तौ बाबरी मस्जिद गिरावै अउर गुजरात दंगा कै दोषी आडवाड़ी, नरेन्द्र मोदी, अमित शाह अउर उमा भारती जैसेन नेता आजाद हुवय के बजाय जेल मा होते। धरना के अन्त मा छह सूत्री प्रस्ताव पारित किहिन जवन मुजफ्फर नगर दंगा, अबैध खनन, किसान हत्या व शारदा नदी कटान से सम्बन्धित रहा।