छतरपुर जिले में 15 मार्च से अनिश्चित कालीन धरने पर संविदा कर्मचारी और अधिकारी बैठे हैं। इनका कहना है कि हमारी दो मांगे है, पहली जिनको नौकरी से निकाला गया है उन्हें बहाल किया जायें और जो संविदा कर्मचारीकाम कर रहे हैं उनको नियमित करने की हमारी दूसरी मांग है। संविदा कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से लोग अपनी समस्याओं को लेकर भटक रहें हैं।
संघर्ष मंच के जिला संयोजक श्याम गौतम का कहना है कि इस जिले में चार हजार संविदा कर्मचारी है। सरकार तीन साल के लिए संविदा कर्मचारी को रखती है लेकिन कई साल से लोग संविदा पर काम कर रहे हैं इसलिए हम धरने पर बैठे हैं।
मनरेगा सहायक लेखाकार श्रीरामचंद्र दिवेदी का कहना है कि हम लोगों को काम करने का लक्ष्य दिया जाता है अगर लक्ष्य पूरा नहीं हो पाता है तो हमें नौकरी से हटाने का नोटिस दिया जाता है।हमसे दबाव बनाकर काम कराया जाता है और मानसिक रूप से परेशान करते है।
जिला पंचायत परियोजना अधिकारी प्रतिभा सिंह का कहना है कि सरकार हमें नियमित काम दें क्योंकि दूसरी जगह काम करने की हमारी उम्र निकल गई है।
एपीओ अमीत खरे का कहना है कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी तब तक हम हड़ताल करते रहेंगे।
कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट रमेश भंडारी का कहना है कि हम कोशिश कर रहे हैं कि हड़ताल होंने के बाद भी काम सही तरीके से हो।
रिपोर्टर- नसरीन और सुनीता प्रजापति