उत्तर प्रदेश मा या समय जिला पंचायत अउर क्षेत्र पंचायत के चुनाव के तैयारी जोरन मा चलत है। चुनाव लडै़ वाले नेता वोट मांगै खातिर आम जनता का लुभावैं बहुतै जोर-शोर से लाग है।
उंई आपन-आपन बड़ाई मा एक दुसरे के बुराई अउर खींचा तानी करै मा पीछे निहाय। का उनके लालच से आम जनता का पेट भर जई। अब सवाल या है कि आज के जमाना मा जउन भी नेता मंत्री बनै का तैयार होत हैं। वा गरीब जनता का नहीं पहिले आपन पेट भरत हंै। इं नेता तौ आखं मिचैली का खेल करैं वाले आय। अबै उनका आपन जीत देखात है। यहिसे रोज का दसन हजार रूपिया प्रचार मा खर्च करत हंै। अउर गांवन शहरन के हर गली मा मैक लइके वोट मांगत है। जउन अचार संहिता के खिलाफ है। का इं नेता जीतै के बाद गांवन मा दिखाई दइहैं। या फेर उंई जनता का पहिचानब ही भूल जइहैं। चुनाव के समय अउर भी केतने नेता होई चुके जउन अलग-अलगतान के भाषण अउर विकास करावैं के वादा करिन हैं। का आज तक उंई आपन कीन गे वादा पूर कई पाइन। अगर यहिके सच्चाई सच मा दिख जाय तौ जउन केन्द्र अउर राज्य मा बइठ बड़े-बड़े नेता मंत्री हैं। उंई तौ आज तक बुन्देलखंड के गरीब मजदूर अउर किसानन जइसे के समस्या मा सुधार करैं का कीन गे वादा पूर नहीं कई पाइन इं नेता का पूर करिहैं। या बात के सच्चाई कउनौ से छुपी निहाय।
चुनाव का जोर-शोर सड़कन मा नहीं अमात साधन
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