असम में एनआरसी के मुद्दे पर मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर(एनआरसी) में जिनके नाम नहीं हैं वो घबराएं नहीं, अगर वोटर लिस्ट में नाम है तो वे भी वोट दे सकेंगे।
उन्होंने कहा कि एनआरसी ड्राफ़्ट के आधार पर नाम नहीं हटेगा। 4 जनवरी को वोटर लिस्ट जारी हो जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि ‘जिनके नाम कटे हैं, वो अब भी वोटर’ हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि हम फ़ाइनल एनआरसी का इंतज़ार नहीं कर सकते हैं। जब जनवरी के वोटर लिस्ट में नाम होगा तो वे सभी वोट दे सकेंगे।
हालांकि, एनआरसी से बाहर सभी 40 लाख वोटर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि 40 लाख लोगों में बच्चे, नाबालिग भी होंगे। एनआरसी और चुनाव आयुक्त आपस में तालमेल कर रहे हैं।
बता दें कि असम में सोमवार को जारी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मसौदे से कुल 3।29 करोड़ आवेदकों में से 40 लाख से ज्यादा लोगों को बाहर किए जाने से उनके भविष्य को लेकर चिंता पैदा हो गई है और साथ ही एक राष्ट्रव्यापी राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है।
नागरिकों की मसौदा सूची में 2।89 करोड़ आवेदकों को मंजूरी दी गई है। यह मसौदा असम में रह रहे बांग्लादेशी आव्रजकों को अलग करने का लंबे समय से चल रहे अभियान का हिस्सा है। 10 लाख आवेदकों को नागरिकता देने से इंकार किए जाने के बाद पैदा हुए विवाद पर केंद्र सरकार ने लोगों से भयभीत न होने और विपक्ष से इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करने का आग्रह किया है।
बता दें, देश में असम इकलौता राज्य है जहां नागरिकता रजिस्टर की व्यवस्था लागू है। असम में नागरिकता रजिस्टर देश में लागू नागरिकता कानून से अलग है। यहां असम समझौता 1985 से लागू है और इस समझौते के मुताबिक, 24 मार्च 1971 की आधी रात तक राज्य में प्रवेश करने वाले लोगों को भारतीय नागरिक माना जाएगा।