मानिकपुर ब्लॉक के रूखमाखुर्द गांव में मोहन किसान है। उसके पास चार बिगहा खेती की जमीन है जिसमें चना और गेंहू बोया है। फसल बोने के लिए मोहन ने 10,000 रुपये का कर्ज लिया है। उसकी फसल को दिन में छः घंटे पानी की जरुरत है और कुल मिलकर रबी के दौरान तीन बार पानी चाहिए। लेकिन अब तक मोहन के खेतों को एक बूंद पानी नहीं मिला है। मोहन का कहना है कि अगर सिरावल पम्प कैनाल खुल जाए तो खेत की सिंचाई हो जायेगी और फसल बच जायेगी।
आसपास के पहाड़ी ब्लॉक के लगभग 10 गांव की भी यही हालत है। राजापुर पम्प कैनाल लघु डाल नहर चालू न होने के कारण लाखों ऐसे किसान है जिनकी फसल बर्बाद हो जायेगी। सुखा-ग्रस्त बुंदेलखंड पानी के लिए तरस रहा है।
चित्रकूट ज़िले में कहने को तो पांच पम्प कैनाल और 15 नहर है। चिल्लीमल पम्प कैनाल से राजापुर क्षेत्र के किसानों को पानी मिलता है, राजापुर पम्प कैनाल पहाड़ी ब्लॉक को पानी देती है, सिरावल पम्प कैनाल से मानिकपुर और रामनगर क्षेत्रों में पानी पहुंचता है। मऊ ब्लॉक के लिए पूरबपताई पम्प कैनाल है और बरवारा पम्प कैनाल से कर्वी ब्लॉक को पानी मिलता है। लेकिन इन पांच पम्प कैनाल में से सिर्फ दो काम कर रहे है, तीन – राजापुर, सिरावल और बरवारा तो बंद पड़े है। जो दो चल रहे हैं उनमें पानी की गति बहुत कम है। नहरों में भी मिट्टी और कूड़ा पड़ा हुआ है।
अगर सिंचाई की यह स्थिति है तो सूखा-ग्रस्त बुंदेलखंड में किसान खेती कैसे करें?
मानिकपुर के विद्यायक चंद्रभान सिंह ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखे हैं कि अगर ब्लाॅक को पानी नहीं मिलेगा तो जो फसल बची है वो भी सूख जाएगी।
लघु सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता प्रभाकर का कहना है कि पम्प कैनाल बंद होने का मुख्य कारण है समय से बिजली न मिलना। जब बिजली मिलती भी है तो वोल्टेज कम होती है जिससे मशीन चल नहीं पा रही है। उनका कहना है कि इसमें विभाग कुछ नहीं कर सकता, अगर सरकार बिजली दे तो सिरावल पम्प दो दिन में खुल जायेगी। विभागों के बीच की बातों में बुंदेलखंड के किसान फंसे हुए हैं, इसका कौन जवाब दे?
चित्रकूट में पांच पम्प कैनाल में तीन बंद
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