जिला चित्रकूट, ब्लाक मानिकपुर के गांव सरहट के उन्नीस हजार के आबादी खातिर केवल चालिस आवास आये हवै बाकी के मड़ई पन्नी डालके कच्चे घरन मा रहत हवैं।
मिनिया का कहब हवै कि हमें बहुतै दिन से आवास नहीं मिला आय, एक दरकी आवास आवा रहै तौ नहीं दिहिन आय। ननकी का कहब हवै कि हमें कउनौ सरकारी लाभ नहीं मिलत आय। चमेलिया बताइस कि हम दस साल से लगभग डेढ़ सौ के पन्नी हर साल डालित हवै। हीरालाल का कहब हवै कि कच्चा घर हर साल बनावै का पड़त हवै। आपन पैसा से लकड़ी खरीदें का पड़त हवै अउर एक सरकारी खपरा बारा- तेरह रुपिया के पड़त हवै। आवास खातिर तीन दरकी फार्म भर चुके हौं।
प्रधान प्रियंका देवी का कहब हवै कि जउन कलोनी आ गई हवै, जबै तक बन न जइहें तौ दूसर कलोनी न अइहैं।
बीडीओ आशाराम सिंह का कहब हवै कि जउन मड़इन के आवास मा नाम छूट गें हवै तौ मई के पहिली सूची मा दलित आवास दीन जइहैं।
रिपोर्टर- सहोद्रा