जिला चित्रकूट, ब्लाक रामनगर, गांव खटवारा स्वास्थ्य विभाग लापरवाही के हद पार कइ दिहिस हवै। हम बात करित हन नसबंदी फेल होइ जाये के। राजापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मा 2014 मा सरोज नसबंदी कराइस रहै पै नसबंदी होय के बाद भी 17 मई 2017 का वा एक लड़की का जन्म दिहिस हवै। इनतान का या पहिला मामला न होय पै स्वास्थ्य विभाग के ऊपर कउनौ कारवाही नहीं होत हवैं।
इनतान का या पहिला मामला न होय पै स्वास्थ्य विभाग के ऊपर कउनौ कारवाही नहीं होत हवैं।
सरोज का कहब हवै कि मोर दुइ लड़का अउर दुइ लड़की हवै। तबै मैं नसबंदी करा लिये रहिहौं। पता नहीं कसत नसबंदी करिन रहै कि मोर फेर से लड़की होइगे हवै। हम बहुतै गरीब हन हमरे लगे न नौकरी आय न कुछौ आय कसत आपन लड़की का पलिहौं। एक लाख रुपिया शादी करावै मा लागत हवै मैं गरीब येत्ता रुपिया कहाँ से पइहौं।
सरोज के मनसवा रमेश कुमार का कहब हवै कि मैं प्रमाण पत्र खातिर दउड़ लगावत रहेंव हलफनामा अउर अल्ट्रासाउंड करावै का डाक्टर बताइन रहै। पै अब लड़की होइ गे तौ का करो। हम गरीब हन हमार परिवार ज्यादा न बढ़े यहै कारन नसबंदी कराये रहेहौं पै बेकार होइ गा।
सी. एम. ओ. राम जी पाण्डेय का कहब हवै कि कत्तो कत्तो नसबंदी फेल होइ जात हवै तौ 90 दिन के भीतर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी का सूचना दे का चाही । तबै जांच कीन जई अउर 30 हजार का अनुदान दीन जई।90 दिन के बाद शिकाइत करै मा कुछौ न मिली।
रिपोर्टर- सहोद्रा
24/05/2017 को प्रकाशित