जिला चित्रकूट, ब्लाक कर्वी, गांव कालूपुर बेरोजगारी के कारन आज भी मड़ई आपन खानदानी काम करै मजबूर हवै। काहे से सरकार अबै भी इनतान के मड़इन खातिर कउनौ दूसर रोजगार के व्यवस्था नही करिस हवै
गनेश का कहब हवै कि हमरे लगे येत्ता रुपिया नहीं आय कि हम दूसर रोजगार कइ सकी। यहै कारन या काम करै का मजबूर हवै। एक दिन मा हम दुइ सूपा बना पाइत हन। दस–ग्यारह साल से आपन या खानदानी काम करत हौं सूपा बनावै मा बांस, सरिया अउर प्लास्टिक लागत हवै।
सूपा बनावै मा हाथ पिराय लागत हवैं अउर कट भी जात हवैं। या काम खतरनाक हवै अउर पैसा कम हवै। पै हम या काम करै का मजबूर है। सूपा हम घूम—घूम के बेचित हन। गांव अउर बाहर के मड़ई सबै सूपा खरीदत हवै।
रिपोर्टर- नाजनी रिजवी अउर सुनीता
28/12/2016 को प्रकाशित