भरतकूप के आदिवासी के बस्ती वाले मड़ईन का आज तक सत्तर साल से कउनौ सरकारी लाभ नहीं मिला, पै या पंचवर्षीय माँ दीनदयाल उज्ज्वल योजना के तहत इनकर लाइट के सुविधा दीन गे हवै।
मिथला का कहब हवै कि मीटर लागे तौ गें हवैं, पै अबै तक लाइट नहीं आई आय, अगर आ जई तौ पंखा चलै लगिहैं गर्मी माँ आराम होई जई। रानी बताइस हवै कि हम तौ सोचित हवै कि केत्ती जल्दी से लाइट आ जाय, तौ बस्ती मा उजियार होई जाय। मड़ई के कालोनी आ गईं हवैं, तौ नींक लागी। सरकार हम गरीबन का सोचत तौ हवै, पै आधे मा अटका देत हवै। नींक के लाभ मिलै, तौ गरीब के मदद होय। सुरेश का कहब हवै कि लाइट आ जई, तौ सबके काम अच्छे से होई जइहें। मोबाइल पंखा के खातिर आराम होई जई। नहीं तौ कबहूँ आज तक लाइट नहीं दीख आय।
प्रधान प्रतिनिधि नत्थूलाल का कहब हवै कि मैं मेहनत किन्हें हौं सोचेव कि गरीब आहीं अउर सरकारी योजना आय तौ चलौ गरीबन के मदद होई जई। अबै मीटर भर लाग हवै। अब मैं कल जाके एसडीएम साहब के लगे पूरी लिस्ट इकटठा कइके दई देव अउर कहौ कि लाइट जल्दी से लगवा दें। मोर गांव के आबादी 80 से 90 मड़ईन के हवै।
रिपोर्टर: नाजनी
Uploaded on May 9, 2018