जिला चित्रकूट, ब्लाक कर्वी, क़स्बा रामघाट सत्तर साल के सुखदेइया लगभग चालिस साल से अबै भी मन्दाकिनी नदी मा नाव चलावत हवै। वा नाव चलावै मा रोजै का लगभग पचास से सत्तर रुपिया कमा लेत है।
सुखदेइया का कहब हवै कि मोरे मनसवा का लकवा मार गा रहै। लकवा मारै का कारन वा काम धन्धा नहीं कइ पावत रहै। यहिसे घर का खर्चा चलावै मा बहुतै समस्यन का सामना करै का परत रहै। या कारन से मैं सोचेंव कि पेट भरै के खातिर कुछौ तौ करैं का परी। या कारन से मैं नाव चलावै लागेंव। नाव चलावब दुसरेन से सीखे हौंं। फेर मैं धीरे-धीरे खुदै नाव चलावैं लागेंव। नाव चलावै मा रोज का खर्च निकर आवत हवै। मोहिका रुपिया के गड्डी नहीं चाहे का हवै। मैं मज़बूरी मा नाव चलावत हौं। वइसे नाव चलावै के अब मोर उमर नहीं आय। नाव चलावैं खातिर दूनौ हांथ का इस्तेमाल बराबर करै का परत हवै।
सुखदेइया का कहब हवै कि मोरे मनसवा का लकवा मार गा रहै। लकवा मारै का कारन वा काम धन्धा नहीं कइ पावत रहै। यहिसे घर का खर्चा चलावै मा बहुतै समस्यन का सामना करै का परत रहै। या कारन से मैं सोचेंव कि पेट भरै के खातिर कुछौ तौ करैं का परी। या कारन से मैं नाव चलावै लागेंव। नाव चलावब दुसरेन से सीखे हौंं। फेर मैं धीरे-धीरे खुदै नाव चलावैं लागेंव। नाव चलावै मा रोज का खर्च निकर आवत हवै। मोहिका रुपिया के गड्डी नहीं चाहे का हवै। मैं मज़बूरी मा नाव चलावत हौं। वइसे नाव चलावै के अब मोर उमर नहीं आय। नाव चलावैं खातिर दूनौ हांथ का इस्तेमाल बराबर करै का परत हवै।
रिपोर्टर- मीरा देवी
31/08/2016 को प्रकाशित
चित्रकूट जिले की 70 साल की सुखदेइया बीस साल से मंदाकनी नदी में चलाती हैं नाव