माघ के महीना के ठंडी मा किसान आपन धान के फसल तैयार करत हवै। जबै फसल के कीमत पावें का समय होत हवै तौ सोहनलाल जइसे किसान के फसल नहीं बिकत आय, वा पन्द्रह दिना से आपन फसल बेचें खातिर बइठ हवै। सोहन जइसे संतावन किसान चित्रकूट जिला, ब्लाक मऊ, कस्बा बरगढ़ के गल्ला मंडी मा 1 दिसम्बर से आपन अनाज लइके बइठ हवैं, काहे से या मंडी मा बोरियां नहीं आहीं। बारिश से झगड़ के, सूखा से लड़ के किसान जउन फसल तैयार करिन हवैं। आज वा फसल मंडी मा बर्बाद होय खातिर रखी हवैं।
सोहनलाल का कहब हवै कि तालाब,कुआ अउर नदी से सींच के कउनौतान आपन फसल तैयार करै हन। पै अब बेंचब मुश्किल हवै। विनोद केसरवानी का कहब हवै कि मोर तीस कुंतल धान हवै। जानवर से बचावै का पड़त हवै। बनिया बारह सौ रुपिया कुंतल खरीदत हवै। मंडी मा पन्द्रह सौ पैंसठ रुपिया कुंतल बिकत हवै। डीजल से सींच के धान के फसल तैयार करे हन तौ मंडी मा बिकत तौ नींक होत। राधेश्याम दिवेदी का कहब हवै कि इनतान के अकाल मा कउनौतान फसल तैयार करै हन, पै मंडी मा रखे-रखे बोरिया फाटी जात हवै। यहै कारन कुछौ किसान आपन धान बेचें खातिर बाहर लइ जात हवैं। विजय कुमार तिवारी कहब हवै कि 28 नवम्बर से मोर धान रखी आय पै बोरिया के कमी से धान नहीं बिकत आय। कृष्ण कुमार अउर रामधनी का कहब हवै कि अधिकारी सोसाइटी के चुनाव मा व्यस्त हवै। हमार नम्बर होय के बाद भी हिंया के कर्मचारी अनदेखा कइके दुसरे के धान तौलत हवै। धान खरीद सेंटर के अधिकारी सुरेशचन्द्र का कहब हवै कि अबै सत्तर किसानन के तीन हजार कुंतल धान तौले का बाकी हवैं। 31 जनवरी तक धान तौली जइहैं। बोरिया आ जइहै तौ तौल होइ जई नहीं तौ मुश्किल हवै।
रिपोर्टर- सुनीता देवी
Published on Jan 17, 2018