जिला चित्रकूट ब्लाक मऊ, गांव मोहिनी बुन्देलखण्ड के किसान सूखा अउर बाढ़ के मार झेले के बाद अब नहर न चलै से परेशान हवै।काहे से दिसम्बर का महीना चलत हवैं। पे अबै तक नहर मा पानी नहीं छोड़ा गा आय।जेहिसे किसान गेहू, चना अउर मसूर कुछौ नहीं बो पाइन हवैं। मऊ तहसीलदार कहत हवै नहर मा पानी छोड़ दीनगा हवैं।
मोहिनी गांव के कुसमा बताइस कि पिछले हमार नहर न चले से हमार ढाई बीघा धान के फसल सुखा गे रहैं।या साल भी अब यहै हाल हवैं। गेहू अउर धान के फसल सुखान जात है । पै अबै तक नहर मा पानी नहीं छोड़ा गा आय। जेहिसे बहुतै नुकसान होत हवैं। ।
ज्ञानेन्द्र का कहब हवै कि खेतन मा परती पड़ हवैं पै अबै तक नहर मा पानी नहीं छोड़ा गा आय। खेती का समय बीत जाये के बाद नहर मा पानी छोड तौ वहिकर का मतलब होइ। चना, मसूर , गेहूं जइसे फसल बोवै का टाइम बीता जात हवैं। जउन खेत पास हवै वहिके सिंचाई ट्यूव्बेल से कइ दीन जात हैं। पै सूख खेतन मा का बोई वहिमा का जामी उल्टा घर से दे का पड़ी।
सिंचाई होय चाहे न होय नहर का लगानहर साल दे का पडत हवैं। छेदी अउर पंचालाल का कहब हवैं किसान का समय से पानी न मिलै के कारन पैदावर नहीं होइ पा वत हवैं। सीचपाल हर साल बीघा के हिसाब से क़िस्त ले आवत हवैं। यूनियन वालेन से नहर चलावै का कहत हन पै उंई नहीं सुनत आहीं
रिपोर्टर- सुनीता और सहोद्रा
चित्रकूट के मोहनी गाँव में पानी की कमी से फसल बर्बाद
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