जिला चित्रकूट, ब्लाक मानिकपुर अउर कर्वी बाढ़ से हजारन लोग घर से बेघर होइगें हवैं। लोगन का कहब है कि इनतान के बाढ़ तेरह साल बाद आई हवै। या बाढ़ से जानवरन के भी मउत होइगे हवै।
मानिकपुर गांव चमरौंहा के रहैं वाले हीरालाल का कहब है कि या साल बहुतै ज्यादा बारिस भे हवै। हमार गांव मा किसानन के पूर फसल खराब होइगे हवै। मड़ई आपन घर छोड़ के जंगल कइती निकर गा रहै। बाढ़ आवै के कारन से कइयौ पुल अउर पुलिया टूट गें हवै। मड़ई आवै जाये का परेशान हवैं। भंवरी नाम के औरत का कहब हवै कि बाढ़ आवै के कारन घर गिर गा हवै। यहिसे खाना तक नहीं खा सकित हन। घनश्याम कहिस कि मड़इन के घर मा दस दस कुंतल गल्ला धरा रहै। वा सबै ख़राब होइगा हवै। बकरियां पाले रहेन उंई भी मर गई हवैं। यहिनतान राजेश कहिस कि अपने बच्चन का लइके पहाड़ मा चढ़ गये रहेन। बसोर जाति के आही।यहिसे हमार कउनौ सुनवाई भी नहीं करत आय। लेखपाल आवा रहै तौ अउर जाति के लोगन से पूंछ के सर्वे कइ लइगा हवै, पै या बस्ती मा नहीं आवा हवै। उंई हम लोगन से छुआ छूत मानत हवैं। यहै कारन हवै कि हम लोगन का सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पावत। नायब तहसीलदार राजेश विश्वकर्मा कहिन कि राजस्व अउर स्वास्थ विभाग के टीम सुरक्षा खातिर लगा दीन गे हवै। लेखपाल ज्ञान सिंह सर्वे करत हवै। यहिके बाद अगर सरकार कइती से मुआवजा अई तौ दीन जई। कर्वी,रामघाट कस्बा के दुकानदार रामसखा मिश्र कहिस कि जनरल स्टोर के दुकान खोले हौं। हिंया दुकानन मा पानी भर गा रहै। इनतान के बाढ़ तेरह साल के बाद आई हवै।
यहिनतान जवाहर गुप्ता कहिस कि मन्दाकिनी नदी मा बहुतै जल्दी बाढ़ आवत हवै। काहे से कि पहाड़ी इलाका परत हवै। मैं भी जनरल स्टोर के दुकान लगभग पन्द्रह साल से खोले हौं। रात मा अधिकारी आय रहैं। उंई आदेश करिन रहैं कि आपन अपन दुकान खाली कइ देव बाढ़ आवै वाली हवै। यहिसे पुर सामान दुकान का खराब होइगा हवै।मोर लाखन का नुक्सान भा। सीतापुर लेखपाल नरेंद्र सिंह कहिस कि लोगन का रैन बसेरा अउर पोद्दार इंटर कालेज मा पहुंचा दीन गा रहै।
मानिकपुर गांव चमरौंहा के रहैं वाले हीरालाल का कहब है कि या साल बहुतै ज्यादा बारिस भे हवै। हमार गांव मा किसानन के पूर फसल खराब होइगे हवै। मड़ई आपन घर छोड़ के जंगल कइती निकर गा रहै। बाढ़ आवै के कारन से कइयौ पुल अउर पुलिया टूट गें हवै। मड़ई आवै जाये का परेशान हवैं। भंवरी नाम के औरत का कहब हवै कि बाढ़ आवै के कारन घर गिर गा हवै। यहिसे खाना तक नहीं खा सकित हन। घनश्याम कहिस कि मड़इन के घर मा दस दस कुंतल गल्ला धरा रहै। वा सबै ख़राब होइगा हवै। बकरियां पाले रहेन उंई भी मर गई हवैं। यहिनतान राजेश कहिस कि अपने बच्चन का लइके पहाड़ मा चढ़ गये रहेन। बसोर जाति के आही।यहिसे हमार कउनौ सुनवाई भी नहीं करत आय। लेखपाल आवा रहै तौ अउर जाति के लोगन से पूंछ के सर्वे कइ लइगा हवै, पै या बस्ती मा नहीं आवा हवै। उंई हम लोगन से छुआ छूत मानत हवैं। यहै कारन हवै कि हम लोगन का सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पावत। नायब तहसीलदार राजेश विश्वकर्मा कहिन कि राजस्व अउर स्वास्थ विभाग के टीम सुरक्षा खातिर लगा दीन गे हवै। लेखपाल ज्ञान सिंह सर्वे करत हवै। यहिके बाद अगर सरकार कइती से मुआवजा अई तौ दीन जई। कर्वी,रामघाट कस्बा के दुकानदार रामसखा मिश्र कहिस कि जनरल स्टोर के दुकान खोले हौं। हिंया दुकानन मा पानी भर गा रहै। इनतान के बाढ़ तेरह साल के बाद आई हवै।
यहिनतान जवाहर गुप्ता कहिस कि मन्दाकिनी नदी मा बहुतै जल्दी बाढ़ आवत हवै। काहे से कि पहाड़ी इलाका परत हवै। मैं भी जनरल स्टोर के दुकान लगभग पन्द्रह साल से खोले हौं। रात मा अधिकारी आय रहैं। उंई आदेश करिन रहैं कि आपन अपन दुकान खाली कइ देव बाढ़ आवै वाली हवै। यहिसे पुर सामान दुकान का खराब होइगा हवै।मोर लाखन का नुक्सान भा। सीतापुर लेखपाल नरेंद्र सिंह कहिस कि लोगन का रैन बसेरा अउर पोद्दार इंटर कालेज मा पहुंचा दीन गा रहै।
रिपोर्टर-खबर लहरिया ब्यूरो
19/08/2016 को प्रकाशित
चित्रकूट के मानिकपुर में भीषण बाढ़
घर, जानवर और लोगों को भारी नुक्सान