चित्रकूट जिला के मऊ ब्लाक मा हर साल नदिया के किनारे ऊंच- नीच पहाड़ के बीच मा 14 जनवरी का मेला लागत हवै।या मेला सबै जिलन के मड़इन का आपन कइत खींचत हवै अउर या मेला खाली मनोरंजन करै खातिर नहीं लागत बल्कि आपन संस्क्रति खातिर भी प्रसिद्ध हवै।
संदीप दिवेदी का कहब हवै कि कोठार बाबा के नाम से या मेला प्रसिद्ध हवै। हिंया जो कोउ नहा-धो के मन्नत मानत हवै वहिके मनोकामना पूर होत हवै। कौशम्बी,इलाहाबाद, बांदा समेत दसन जिलन के मड़ई हिंया आवत हवै।रामदास का कहब हवै कि हिंया आजादी के पहिले से मेला लागत आय।ज्वारा जइसे पुरान संस्क्रति हिंया देखै का मिलत हवै। शहरन मा इनतान के संस्क्रति देखै का नहीं मिलत आय। मोहन का कहब हवै कि हिंया के मड़ई आपन साधन से मेला मनावत हवै। या मेला खातिर कउनौ सरकारी बजट नहीं आवत आय।हिंया सबै जाति धर्म के मड़ई आवत हवैं।
रिपोर्टर- सुनीता देवी
Published on Jan 18, 2018