चित्रकूट जिला ,ब्लाक मानिकपुर ,गाव बसिला हिंया के रहै वाली सीता अपने ंछाती के ऊपर जवारा बोय हवै। काहे से वा मनौती मानिस रहै कि वहिका का भाई लउट के आ जई तौ वा नौ दिना निर्जला ब्रत रहि के जवारा बोई ।
सीता का बड़ा पिता जौहरी लाल का कहब हवै कि मातारानी के कृपा से सीता नौ दिन का ब्रत राखिस हवै।जउन मातारानी के कृपा से पूर भी होई। सीता का भाई तीन महीना पहिले खो गा रहै तबै सीता मातारानी के मन्दिर मा जाके मनौती मानिस रहै, कि वहिका भाई लउट अई तो वा नवरात्र मा नौ दिन निर्जला ब्रत रहि अउर छाती मा जवारा भी बोई।सीता के मनोकामना पूर होईगे हवै। वहिकर भाई लउट आवा हवै। यहै से वा निर्जला ब्रत रहि के मनौती पूर करिस हवै।
पड़ोसी कमलेश का कहब हवै कि कउनौ के बतावै से सीता ब्रत नहीं रहि आय वा खुद के मनौती और इच्छा से ब्रत रहि हवै ।जबै वहिके मनौती पूर होइ गे रहै तौ वा सबसे कहत रहै कि वहिका या साल नवरात्र मा नौ दिना ब्रत रहे का हवैं। वहिके घर के मड़ई समझावत रहै कि वा यत्ते दिन ब्रत कसत रहि । पै वहिके जिद अउर भक्ति के आगे घर के मड़इन का वहिके बात माने का पड़ा।सीता नौ दिना ब्रत राखिस हवै । जउन माता की कृपा से व्रत नीकतान पूर भा हवै।
रिपोर्टर- सुनीता और नाजनी
10/10/2016 को प्रकाशित