चित्रकूट जिले का जानामाना देवारी नाच को दीपावली के पन्द्रह दिन पहले से लोग अभ्यास करना शुरू कर देते है। इस में बारह लोगों से 25 लोगों तक की टीम होती है। छोटे- छोटे बच्चों से लकर बूढ़े इस खेल को खेलते हैं। लोढ़वारा में इस समय यादव और दलित जाति के लोग मिल के इस नाच को करते हैं। दीपावली के दिन सज धज के चित्रकूट दर्षन के लिए पैदल जाते हंै। इस नाच को शुरू करने के पहले वह एक गाना गाते है।- अरे बन बन में आगी लाग, भइया रे अण्डा कहां लई जाव।
चित्रकूट का देवारी नाच
पिछला लेख
लखनऊ का रेज़ीडेंसी
अगला लेख