जिला वाराणसी, ब्लाक चिरईगांव, गांव भगतुआ। एक तो जइसे तइसे करके गांव में स्वास्थ्य केन्द्र बनी आउर बन जाई तो चालू ना होई। जइसे भगतुआ के स्वास्थ्य केन्द्र बनले एक साल हो गयल। लेकिन अभई तक चालू ना भयल हव। इहां तक कि स्वास्थ्य केन्द्र पे नाम भी ना लिखायल हव कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हव कि उपकेन्द्र हव।
इ गांव में रहे वाले जगन्नाथ उपाध्याय आउर सीमा के कहब हव कि इ स्वास्थ्य केन्द्र बनले लगभग एक साल से जादा होत हव। लेकिन एके बनले कउनों फायदा नाहीं हव। जब से इ बनल हव तब से एही तरे बन्द पड़ल हव। आउर जब कोई के कुछ होला तो इहां से पच्चीस किलो मीटर दूर बनारस या ब्लाक पे जाये के पड़ला। दिन में तो कइसो कइसो लेाग पहुच जाला। लेकिन रात बिरात के अउरो परेशानी उठावे के पड़ला। इ गांव के कान्ति आउर अमित उपाध्याय के कहब हव कि स्वास्थ्य केन्द्र बन के पड़ल हव। नाही एकर नाम हव आउर नाहीं इ चालू होत हव। इ स्वास्थ्य केन्द्र के हैण्डपम्प पे गांव वालन कपड़ कचारअलन।
इ स्वास्थ्य केन्द्र के बारे में गांव के प्रधान उमेष यादव बतइलन कि इ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हव। आउर एके चालू करवावे खातिर एक साल पहिले अप्लिकेशन देहले रहली। लेकिन अभई तक कउनों डाक्टर नियुक्त ना भइलन। फिर से कोशिश करत हई कि चालू हो जाए आउर कब तक चालू होई कुछ कहल नाहीं जा सकत। एही तरे जिला वाराणसी, ब्लाक काशी विद्यापीठ, गांव कोटवां के स्वास्थ्य केन्द्र के। इहां के हैण्डपम्प उखड़, गएल हव, आगे के मेन गेट भी गायब हव। इंहा के एको कमरा में दरवाजा भी नहीं हव, इंहा कउनों रूप में कोई पेशाब करअला त कउनों में शौच खातिर के जाला।
इ हाल हव कोटवां के स्वास्थ्य केन्द्र के। जवन दू साल पहिले बनल हव। यहां के अलीम अंसारी, शाहिद जमाल आउर अन्य कुछ लोग बतइलन कि जब से इ बनल हव इहां एको ठे डाक्टर नर्स या कउनो भी सरकारी आदमी नहीं अइलन। इहां के शाहिद जमाल बतइलन कि जब स्वास्थ्य केन्द्र के हैण्डपम्प बनत रहल आउर हैण्डपम्प के कुछ सामान घट गएल तब हम इंहा के प्रधान हाजी मुन्रूद्दीन से कहे कि हैण्डपम्प खातिर के कुछ सामान चहत हव त उन भगा देलन। कुछ लोगन बतइलन कि अगर स्वास्थ्य केन्द्र बन जात त हमने के केतना आराम हो जात। हमने के इहां से लगभग छः किलोमीटर दूर दवाई लेवे जायके पड़ला। लेकिन इहां के प्रधान सुनियन तब तो।
स्वास्थ्य केन्द्र के लेके जब कोंटवा के प्रधान हाजी मुन्रूद्दीन से सम्पर्क करल गएल त उन बात नाहीं कइलन आउर कउनों भी सवाल के जवाब देबे से मना कर देहलन।
चालू न होत हव स्वास्थ्य केन्द्र
पिछला लेख