उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के सामने अवरोध बने बीजेपी के पांच कार्यकर्ताओं को जेल भेजने के बदले में योगी सरकार ने महिला पुलिस अधिकारी श्रेष्ठा ठाकुर को बतौर इनाम ट्रांसफर दिया है।
घटना 22 जून की है जहां शहर के सयाना सर्कल के पास ड्यूटी पर तैनात महिला पुलिस अधिकारी श्रेष्ठा ठाकुर अपनी टीम के साथ ट्रेफिक कंट्रोलिंग और गाड़ियों की चैकिंग में जुटी थी। इस दौरान गाड़ी के जरुरी दस्तावेज न होने पर पुलिस ने एक बीजेपी कार्यकर्ता का चालान काट दिया।
इस बात से गुस्साए कार्यकर्ता ने शहर के तमाम बीजेपी नेताओं को इकट्ठा कर चौराहे पर जमकर तमाशा किया और महिला पुलिस अधिकारी के साथ तीखी बहस हुई। इस दौरान महिला पुलिस अधिकारी के सामने बीजेपी नेताओं की एक न चली और बदसलूकी सहित अन्य मामलों में पुलिस ने पांच बीजेपी कार्यकर्ताओं को जेल भेज दिया।
वहीं, इस मामले में बीजेपी के जिला अध्यक्ष मुकेश भारद्वाज ने कहा है कि महिला पुलिस अधिकारी श्रेष्ठा ठाकुर का ट्रांसफर पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के गौरव को बरकरार रखने के लिए जरूरी है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य पार्टी के नेताओं के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने वाले पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाया है।
वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पार्टी के 11 विधायक और सांसद के एक प्रतिनिधिमंडल की बैठक के करीब एक हफ्ते बाद पुलिस महिला पुलिस अधिकारी श्रेष्ठा सिंह का ट्रांसफर किया गया है।
स्थानीय नेताओं ने इसे अपने अभिमान के साथ जोड़ा और ठाकुर के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए कानून की ही धज्जियां उड़ा दीं।
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