जिला बांदा। कालू कुंआ चैकी के तहत आवैं वाले एक मोहल्ला के दलित औरत का आरोप है कि वहिके नाबालिग लड़की के साथै भा सामूहिक बलात्कार के रपट मई से अबै तक नहीं लिखी गे आय। वा चैकी, कोतवाली, एस.पी.,डी.आई.जी. अउर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग लखनऊ तक होई आई है। पुलिस अनपढ़ गरीब अउर लाचार औरत जान के जानबूझ के नियाव करैं से बचैं खातिर हेंया-होंआ भटकावत है।
औरत का कहब है-“मैं अउर मोर मनसवा 13 अगस्त 2015 के महीना मा चित्रकूट मेला चले गये रहन। मोर 15 साल के लड़की घर मा अकेले रहै। या मउका देख के मोहल्ला के कमलेश कुशवाहा, राजूलोधी अउर कैलाश गुप्ता बलात्कार करिन। जबै चित्रकूट से लउट के आयेन तौ लड़की पूर हाल बताइस। मैं कालू कंुआ चैकी गईंव तौ पुलिस आई अउर उनहिन के घर मा घुस के बात चीत कइके चली गे। तबै मैं एस.पी. के लगे गईंव वहिके बाद डी.आई.जी. के लगे। मोहिका बार बार नगर कोतवाली भेज देत रहैं,पै कारवाही कुछ न होत रहै। रपट लिखावै के चक्कर मा पुलिस ड्यिूटी मा पूरा का पूरा दिन बीत जात रहै। तबै मैं राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग लखनऊ गईंव होंआ से कारवाही करैं के आदेश करायेंव। 7 अक्टूबर का एस.पी.का कारवाही करैं का आदेश भी आ गा है। 24 सितंबर 22 अक्टूबर अउर 2 नवम्बर का लड़की के बयान भी होई चुके हैं। फेर भी रपट नहीं लिखी गे आय। बलात्कार के कानून मा है कि इनतान के मामला मा लड़की के बयान रपट लिखै खातिर काफी हैं फेर भी आज तक काहे नहीं लिख गे आय।” अपर एस.पी.आशुतोष शुक्ला का कहब है कि उंई या मामला के जांच कइके कारवाही करिहैं।
अपर एस.पी. का लागत है कि मामला पता निहाय। या जानबूझ के इनतान के जवाब दीन जात है।
चार महीना से रपट लिखावै का भटकत
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