जिला ललितपुर, ब्लाक महरौनी, गांव कुम्हैड़ी। बाबा पहले चाय बनातें थे अब चाय के साथ समोसे भी बनातें है। चाय से समोसे तक की संघर्ष और कामयाबी की कहानी हैं। जिसे बाबा बता रहें हैं कि पहले मैं चाय कि दुकान चलाता था बहुत गरीब होने के कारण मैं बहुत दिनों तक चाय की दुकान चलाता रहा बाद में बहुत संघर्ष करके समोसे की दुकार खोली समोसे की पुकार सुबह खुल जाती हैं।
समोसे की दुकान में रोज चार से पांच सौ तक की ब्रिक्री हो जाती हैं। बाबा का बेटा रोहित कुमार का कहना है कि जब हम छोटे थे। तो हमारे पिता जी मजबूरी में अकेले दुकान में काम करते थे।
जब हम बड़े हुए तो पिता जी के साथ दुकान में काम करने लगे। आज इतने लम्बे समय के बाद हम अपनी दुकान बढ़ाने में सफल हुए है। ग्राहक हरदास का कहना है कि पहले चाय फिर समोसा बेंचा इसके बाद हम सफलता मिली हैं।
बाईलाइन-राजकुमारी
06/10/2017 को प्रकाशित