लखनऊ। राज्य के अलग-अलग जिलों में किसानों के लगातार मांग करने के बाद आखिरकार 17 सितम्बर को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पिछत्तर में से चव्वालिस जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया। उन्होंने केंद्र सरकार से इन जिलों के किसानों के लिए विशेष सहायता की मांग भी रखी है।
इस फैसले को सुनाते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि इस बार मानसून खत्म होने को है पर अब तक इन जिलों में सामान्य से पचास प्रतिशत कम बारिश हुई है। मुख्यमंत्री ने 31 मार्च 2015 तक इन जिलों के किसानों से राजस्व राशि और सिंचाई राशि वसूलने पर रोक लगा दी है। केंद्र सरकार से इस आपदा से निपटने के लिए लगभग छह हज़ार करोड़ रुपए का खास वित्तीय सहयोग भी मांगा गया है। मुख्यमंत्री ने इन जिलों के सभी अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि किसानों और गरीब वर्ग के लोगों की ज़रूरतों पर खास ध्यान दिया जाए। साथ ही स्वास्थ्य केंद्रों को स्वच्छ पीने के पानी का इंतज़ाम करने के लिए कहा गया है।
बुन्देलखण्ड किसान यूनियन की अध्यक्षता में क्षेत्र के कई जिलों में लगातार किसान सूखे की घोषणा के लिए धरना प्रदर्शन दे रहे थे।
बांदा डी.एम. हरेन्द्र वीर सिंह ने कहा कि निशुल्क खाद और बीज की मांग शासन से की जाएगी। डीज़ल और बिजली के लिए भी छूट मांगी जाएगी।
बुन्देलखण्ड में चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, झांसी, और जालौन जिलों में सूखे की घोषणा की गई है। इसके अलावा फैज़ाबाद, कानपुर, उन्नाव, मुज़फ्फरनगर, शामली, बरेली, जौनपुर में भी सूखा घोषित किया गया है।