ममता जैतली राजस्थान में कई सालों से सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वे लम्बे समय से नारीवादी आन्दोलन का हिस्सा रही हैं। उन्होंने 1998 में विविधा न्यूज़ फीचर्स की शुरूआत की थी जो महिलाओं पर हो रही हिंसा, और राजनीति में महिलाओं की भागीदारी पर फोकस करती है। वे राजस्थान में ‘उजाला छड़ी‘ नाम का अखबार प्रकाशित करती हैं जो विकास और अन्य स्थानीय मुद्दों पर खबरें छापता है
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से हाथ मिलाने वाली सरमी देवी अखबार की सुर्खियों में रही हैं। वे वर्ष 2010 से 2014 तक सिरोही जिले की आबूरोड पंचायत समिति की निचलागढ़ पंचायत की सरपंच रही हैं। सरपंच सरमी देवी ने महिलाओं के विरुद्ध होने वाली हिंसा के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। वे खुद आदिवासी समुदाय से आती हैं। इस समुदाय में प्रचलित ‘‘मौताना’’ प्रथा की तरफ सबका ध्यान खींचा। इस प्रथा में आपसी झगड़ा फसाद में मारे गए व्यक्ति का मुआवजा मांगा जाता है। कई बार भारी मुआवजा न दे पाने पर पीडि़त परिवारों को गांव छोड़कर जाना पड़ता है। सरमी देवी कहती हैं जो आरोपी हैं उन्हें दंड तो दिया जाए पर कानून के अनुसार पंचायत का सारा काम खुद देखती हैं
पहले वार्डपंच और फिर सरपंच सरमी देवी ने शादी के बाद ससुराल में आठवीं कक्षा तक पढ़ाई की है। अपनी पंचायत का सारा काम वे खुद देखती हैं। सरमी देवी हर तीन माह में महिला सभा आयोजित करती हैं। महिला सभाओं में बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी रहती है। महिला सभाओं में उठाए गए मुद्दे, ग्राम सभाओं तक पहुंचते हैं। वे बताती हैं कि मैंने मेरी पंचायत में अनपढ़ बालिकाओं का विद्यायल में नामांकन करवाया है। आठवीं, दसवीं पास लड़कियों को छात्रावास में पढ़ने भेजा है। महिलाओं को पढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। वन विभाग की भूमि पर महिलाओं को हक दिलवाया है। पन्ना धाय योजना का तीस हजार रुपए का लाभ महिलाओं को दिलवाया है। घूंघट प्रथा के खिलाफ महिलाओं के जागरुक किया।
आत्मविश्वास से भरपूर सरमी देवी कहती हंै कि ‘‘मैं बहुत फेमस महिला हूं’’। बराक ओबामा से मुंबई में मुलाकात के दौरान उन्होंने आदिवासी क्षेत्र व समुदाय की समस्याओं पर खुलकर बात की। उन्होंने ओबामा को बताया कि वे दूसरी बार निर्वाचित हुई हैं तो ओबामा ने उनसे कहा कि ‘‘आपसे सीख लेकर मैं भी अब दोबारा चुनाव जीतने को ट्राई करूंगा।’’
भारत की तरफ से महिला जनप्रतिनिधि के तौर पर वह भी अमेरिका गईं।