जिला बाराबंकी, ब्लाक हैदरगढ़ चाट कै नाम सुनतै ही मनई के मुंह मा पानी आय जाथै। अउर आवै काहे न चाट होबै करै एसन चीज। राजस्थान से आये दुकानदार नरेंद्र कै कहब बाय कि हम लगभग बीस साल से दूकान लगाईं थी। शुरू मा हम हिंया ठेलिया पै गाँव घूम घूम के चाट लगावत रहेन। अउर अब तौ हमार हिया खुद कै दूकान होइगै।खस्ता, टिक्की अउर भेवाड़ा बनाई थी। बाराबंकी अउर हैदरगढ़ कै मनई खाय आवाथिन।
चाट मा मसाला पानी नमक मिर्च अउर भेवाड़ा मा उरद कै डाल पीसके फेटके बनाय जाथै। वक्रे बाद दही मा डाला जाथै। ग्राहक शिव कै कहब बाय कि दही बड़ा खाय आई थी। वहीँ राम सिमरन कै कहब बाय कि हम 1965से ही इनका जानीथी। महीना मा लगभग दस बार जरुर खाय आई थी।
रिपोर्टर- नसरीन और फिज़ा
Published on Jan 9, 2017