जिला महोबा, ब्लाक पनवाडी़, कस्बा पनवाड़ी। एते वार्ड नम्बर पन्द्रह के रहें वाली रंजीता आपन बीती कछू एसो बताउत हे।
रंजीता ने बताओ कि मोई शादी 21 जून 2010 खा महोबा के रणविजय के साथे भई हती। शादी के बाद एक साल तक ससुराल में रही हों। मोये बाप ने अपनी हैशियत से ज्यादा दान दहेज पांच लाख रूपइया ओर एक मोटर साइकिल दई हती। पे ससुराल वाले तीन लाख रूपइया दुबारा मांगत हें। मोओ बाप गरीब आदमी हे ऊ इत्तो रूपइया किते से पाहे। जभे ससुराल वालेन ने रूपइया न देय खा सुनो तो मोये ऊपर मिट्टी खा तेल डार खे जलाये की कोशिश करी हती। जभे मोये सहन नई भओ तो दो साल पेहले मेंने अपने बाप खा बोलाओ ओर मायके चली गई। मायके लिवा जाये से पेहले ससुराल वालेन खा मोये बाप ने बोहतई समझाओ कि में गरीब आदमी हों। आपन बिटिया खा लिवा जाके का करहों, पे ससुराल वाले नई माने। एई से मेंने ऊखी रिपोर्ट महोबा कोतवाली में लिखाई हे।
सास उर्मिला ने बताओ कि हमाओ मुकदमा हाईकोर्ट में चलत हे। ओतई से ईखो फैसला होहे।
घर से भगा दओ
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