जिला महोबा, ब्लाक जैतपुर, गांव सिरमोर कई जात के मट्टी कुम्हार की जान होत अगर मट्टी नइ मिल हे तो जे खूबसूरत बर्तन किते से बन हे। जो इन ओरन को खानदानी काम भी होत। और जब खानदानी काम नइ कर हे और मट्टी भी नइ मिल हे तो कैसे का करे। कछू कुम्हार तो एसे भी हे जिनको चाह खानदानी काम समझो चाह उनकी मजबूरी बे तो अपने मट्टी के बर्तन बना के ही पेट पाल रए। अगर मट्टी ही नइ मिल हे तो कैसे पाले अपने परिवार को पेट। जिला महोबा, ब्लाक जैतपुर, गांव सिरमोर कई जात के मट्टी कुम्हार की जान होत अगर मट्टी नइ मिल हे तो जे खूबसूरत बर्तन किते से बन हे। जो इन ओरन को खानदानी काम भी होत। और जब खानदानी काम नइ कर हे और मट्टी भी नइ मिल हे तो कैसे का करे। कछू कुम्हार तो एसे भी हे जिनको चाह खानदानी काम समझो चाह उनकी मजबूरी बे तो अपने मट्टी के बर्तन बना के ही पेट पाल रए। अगर मट्टी ही नइ मिल हे तो कैसे पाले अपने परिवार को पेट। सिरमोर गांव के आदमियन के पास मट्टी नइया। जिते से बे मट्टी लेयात ते उते आदमियन के घर बन गये और कुम्हार बेरोजगार हो गये। नत्थू ने बताई के हम तो जब से भये तब से जोई काम कर रए ते। जिते से हम मट्टी लेयात ते उते से मना कर दई के इते हमाओ रकवा हे। फिर दूसरी जगह से भी भगा दओ तो टैक्टर की फोटो खेची ती। गोला अतरपठा गये ते उते से भी भगा दओ तो। फिर ननौरा से भर लेयाय ते कम से कम खाबे तो हो जात। कल्लू ने बताई के तीन बखरी हे और तीनऊ के लाने मट्टी नइया कोऊ से पूछ लेत अगर दे देत तो ठीक हे नइ तो सब मजदूरी करत। हम ओरन नो तो जमीन भी नइया। जिते हम ओरन की खदनिया हती बापे कब्जा कर लओ आदमियन ने। हेमंत कुमारी ने बताई के गांव को प्राधान हे बढ़िया वोट लेबे के लाने आ जात फिर कोऊ नइ पूछत। ब्रजलाल ने बताई के दो तीन बार दरखास भी दई लेकिन कोऊ नइ सुनत। भगवानदास प्रधान ने बताई के जमीन हे तो लेकिन आदमी दाबे हे। हमने कई भी हती लेखपाल से फिर बे पूरी जगह की सर्वे कर ले गये ते। अरुण कुमार तहसीलदार ने बताई के उन्हें बुलाओ और उनको नाम पतो बताओ। हम छह दिन में राजेल्ट मिल जेहे। जो तहसीलदार छह दिन में काम करबे की कह रए बे छह साल से किते हते।
रिपोर्टर- श्यामकली
Published on Jul 3, 2017