बनारस। शहरों में लोग फ्रिज का ठंडा पानी पीकर गर्मियों में अपनी प्यास बुझाते हैं। लेकिन गांव के लोगों के लिए घड़ा ही उनका फ्रिज है। मिट्टी के घड़े का मीठा मीठा पानी और उससे आती मिट्टी की सोंधी सोंधी खुशबू। न बिजली का खर्चा न पानी की बोतलें भरने की जरूरत।
बनारस के पांडेयपुर में मिट्टी के घड़ बनाने वाले कुम्हार बिंदू ने बताया बाप दादा घड़े बनाते थे, अब हम भी बनाते हैं। उन्होंने कहा गांववासी ही बल्कि जिनके घर में फ्रिज है, वह भी घडा ले जाते हैं। पानी निकालने में आसानी होने के कारण लोग टोटी वाले घड़ों की मांग करते है। घड़ा सस्ता सेहतमंद भी है। हालांकि महंगाई का असर इस पर भी पड़ा है। पहले जो घड़ा दस पन्द्रह रूपए में मिलता था अब वो ही घड़ा तीस पैतींस रूपए में मिलता है। इस समय घड़े का दाम तीस से पचास रूपए तक है।