हाई कोर्ट ने दिया दखल, सभी जिलों में था माहौल गर्म
उत्तर प्रदेश। 12 नवंबर से शुरू अट्ठारह लाख कर्मचारियों की राज्य स्तरीय हड़ताल 23 नवंबर को जाकर समाप्त हुई। 22 नवंबर को लखनऊ हाई कोर्ट ने हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों को हिदायत दी कि वे आपातकालीन सेवाओं, जैसे अस्पताल, पर इस हड़ताल का असर ना पड़ने दें। 23 नवंबर को हाई कोर्ट ने कर्मचारियों को विष्वास दिलाया कि वे सरकार और कर्मचारियों के बीच होने वाली चर्चा पर नज़र रखेंगे। इसके बाद कर्मचारियों की एक बैठक हुई और तय किया गया कि फिल्हाल हड़ताल को रोक दिया जाएगा। लाखों कर्मचारी राज्य के अलग अलग जिलों में वेतन में बढ़ोतरी, प्रमोशन की नीतियों समेत पंद्रह मुद्दों पर सरकार से लंबे समय से ठोस कदम उठाने की उम्मीद में बैठे थे। 18 नवंबर को कर्मचारियों ने सरकार को धमकाया के अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वे आपातकालीन सेवाओं को भी रोक देंगे। सरकार ने करारा जवाब देते हुए 20 नवंबर को ‘एसमा’ नाम का ऐसा कानून लागू किया जिससे पूरी हड़ताल गैरकानूनी मानी जाएगी। हड़ताल बुलाने वाले संगठन ‘राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद’ ने कहा कि यदि सरकार कर्मचारियों की मांगों पर उनसे बातचीत करे और पहले दिए गए वादों को पूरा करने के लिए ठोस कदम उठाए।