पुलिस ने गौरी लंकेश हत्याकांड के प्रथम आरोपी के.टी.नवीन कुमार के ख़िलाफ़ 651 पेज की चार्जशीट दायर की है जिससे यह बात सामने आई है कि ‘हिंदुत्व विरोधी’ विचारों की वजह से गौरी लंकेश की हत्या की गई। गौरी लंकेश के हत्यारे सनातन संस्था से जुड़े थे और इस बात से नाराज़ थे कि गौरी हिंदू धर्म और उसकी मान्यताओं के विरोध में लिखती-बोलती थीं।
हालांकि नवीन कुमार का मजिस्ट्रेट के सामने दिये गए इकाबालिया बयान और उसके तीन सहयोगियों के बयान सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। ऐसा मामले की जाँच कर रही एसआईटी के अनुरोध पर किया गया है क्योंकि उसे लगता है कि इससे अन्य आरोपियों को फ़ायदा होगा जो अभी पकड़ से बाहर हैं।
अंग्रेज़ी अख़बार द्वारा चार्जशीट की एक प्रति अपने पास होने का दावा करते हुए लिखा है कि नवीन की पत्नी रूपा सी.एन ने एसआईटी को दिए अपने बयान में कहा है कि वह सनातन धर्म संस्था के साथ 2017 में जुड़ा था।
चार्जशीट में नवीन कुमार पर आरोप है कि उसी ने उन गोलियों की सप्लाई की जिनसे गौरी लंकेश को मारा गया। नवीन कुमार ने आठ साल पहले, 3000 रुपये में बैंगलौर की एन.आर.रोड स्थित एक दुकान से 0.32 एमएम की 18 गोलियाँ खरीदी थीं। उसके पास पिस्तौल का लाइसेंस नहीं था, लेकिन उसने लॉकेट बनाने की बात कहकर किसी तरह ये गोलियाँ हासिल की थीं।
वहीं एक अन्य अंग्रेजी अख़बार में लिखा है कि एसआईटी को अमोल काले और फरार चल रहे निहाल उर्फ दादा पर गौरी लंकेश हत्याकांड का मास्टरमाइंड होने का शक है। 37 वर्षीय अमोल काले एसआईटी की हिरासत में है। इसके अलावा एक और आरोपी मनोहर यादवे भी पुलिस हिरासत में है। उसने स्वीकार किया है कि वह काले और दादा को लगातार गौरी लंकेश की गतिविधियों की खबर देता था। उसने के.टी.नवीन कुमार के साथ कई बार गौरी लंकेश का, आर.आर.नगर स्थित घर से दफ्तर और दूसरी जगहों पर जाते हुए पीछा किया था।
गौरतलब है कि गौरी लंकेश के पहले डॉ.नरेंद्र दाभोलकर, गोविंद पनासरे और एम.एम.कलबुर्गी की भी हत्या कर दी गई थी। ये सारे लोग समाज में फैले अंधविश्वासों और अन्याय के ख़िलाफ़ लिखते पढ़ते थे जो हिंदुत्ववादियों को पसंद नहीं आ रहा था।