उत्तर प्रदेश और बिहार उपचुनाव के परिणामों ने भारतीय जनता पार्टी यानी बीजेपी को बड़ा झटका दिया है। यह झटका इतना बड़ा है कि उपचुनावों में अगर बीजेपी की हार का सिलसिला ऐसे ही चलता रहा तो भारतीय जनता पार्टी 2019 के आम चुनाव में हार का सामना भी कर सकती है।
दरअसल, योगी को उनकी कर्मभूमि गोरखपुर में पहली बार मिली कड़ी शिकस्त ने भाजपा का मजबूत किला ध्वस्त कर दिया।
पांच बार लगातार इसी सीट से सांसद रहे योगी के मुख्यमंत्री बनने के एक वर्ष के अंदर ही उन्हें इतनी बड़ी ‘राजनीतिक हार‘ मिली।
योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे से खाली हुई गोरखपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव के नतीजे ने भाजपा को हिलाकर रख दिया है।
भाजपा उम्मीदवार उपेन्द्र शुक्ल को समाजवादी पार्टी (सपा) उम्मीदवार प्रवीण निषाद ने कड़ी पटखनी दी। निषाद ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी शुक्ल को करीब 22 हजार मतों से हराया।
सपा उम्मीदवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा), पीस पार्टी और निषाद पार्टी का समर्थन हासिल था।
बता दें कि योगी आदित्यनाथ ने पिछले पांच बार से गोरखपुर से सांसद रहने के बाद पिछले साल यूपी के सीएम बनने के बाद यहां की लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
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