चर्चित गोरखपुर दंगे मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित नौ लोगों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राहत दी है।
इस प्रकरण में योगी आदित्यनाथ के अलावा आठ अन्य लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। मामले में अपर जिला और सत्र न्यायाधीश गोरखपुर ने निचली अदालत के संज्ञान लेने के आदेश को निरस्त करते हुए नए सिरे से सुनवाई का निर्देश दिया था।
न्यायमूर्ति बी. के. नारायण ने रशीद खान की याचिका खारिज करते हुए उक्त आदेश पारित किया। रशीद खान के कहने पर यह प्राथमिकी दर्ज की गई थी। याचिकाकर्ता ने 28 जनवरी, 2017 को सत्र अदालत द्वारा पारित आदेश को चुनौती देते हुए कहा था कि यह आदेश सुनाते समय उसका पक्ष नहीं सुना गया था।
याचिकाकर्ता की ओर से वकील एसएफए नकवी ने दलील दी थी कि इस मामले में गवाह होने की वजह से रशीद एक आवश्यक पक्ष है, लेकिन सत्र न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता का पक्ष सुने बिना ही संज्ञान का आदेश खारिज कर दिया।
गौरतलब है कि साल 2007 की 27 जनवरी को गोरखपुर में साम्प्रदायिक दंगा हुआ था। दंगे में अल्पसंख्यक समुदाय के 2 लोगों की मौत हुई थी, जबकि कई लोग घायल हुए थे। बताया जाता है कि यह दंगा गोरखपुर के तत्कालीन बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ, बीजेपी नेता व वर्तमान में मोदी सरकार में मंत्री शिव प्रताप शुक्ला व अन्य द्वारा रेलवे स्टेशन के पास भड़काऊ भाषण देने के बाद शुरू हुआ था।