जिला चित्रकूट, ब्लाक मऊ, कस्बा मऊ बस स्टाप हिंया के बस अड्डा मा तीन पीढ़ी से जलेबी के दुकान हवै । गर्मी के महीना मा चीनी के जलेबी अउर ठंडी के महीना मा गुड़ के जलेबी बनत हवैं। जेहिका हिंया के मड़ई बड़े चाव से खात हवैं।
जलेबी दुकानदार लवलेश का कहब हवै कि हमार या दुकान दादा परदादा के जमाना से जलेबी बनत हवैं। जेहिका गांव के मड़ई बहुतै पसंद करत हवैं। ठंडी के महीना मा गुड़ के जलेबी बहुतै बिकत हवै। काहे से गुड़ के जलेबी फायदा करत हवैं।
सुबेरे से शाम तक गरमागरम जलेबी बनत हवै खाय वालेन के लाइन लाग रहत हवैं। ब्रहस्पतिवार अउर रविवार का हिया बाजार लागत हवैं तबै जलेबी ज्यादा बिकत हवैं। हिंया के इलाका मा हमार दुकान गुड़ के जलेबी के नाम से मशहूर हवैं।
मटियारा गांव के मड़इन का कहब हवैं कि गुड़ के जलेबी खाय मा नीक लागत हवै अउर फ़ायदेमंद भी होत हवैं।यहै कारन एक एक किलो जलेबी अकेले मड़ई खा जात हैं। आपन घर खातिर अलग से लइ जात हवैं। जबै हिंया आवत हवैं तौ जलेबी जरुर खात हवैं।
रिपोर्टर- सुनीता
22/12/2016 को प्रकाशित