उत्तर प्रदेश। 1 अप्रैल 2013 से उत्तर प्रदेश में भी सुप्रीम कोर्ट ने गुटखे की खरीद बेच पर रोक लगा दी है। रोक के बावजूद उसका असर नहीं दिख रहा है। दुकानों में गुटखे की बड़ी बड़ी लडि़यां धड़ल्ले से बिक रही हैं।
बांदा शहर के घोड़ा चैराहा में पान की दुकान वाले भोलू और सांवली बताते हैं कि उन्हें इस रोक की जानकारी ही नहीं है। ऐसे सैंकड़ों छोटे दुकानदार हैं जिनके लिए सरकार का गुटखा बंद करा देना उनके परिवार की रोज़ी रोटी छिनने के बराबर है। नगर मजिस्ट्रेट ऋषिरेन्द्र कुमार ने बताया कि 1 अप्रैल को ही शासनादेश जारी हुआ है। ऐसे आदेशों का सरकारी आर्डर जब आयेगा तो उसी हिसाब से ज़मीनी तौर पर लागू होगा।
दूसरी ओर 2 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने तेइस राज्यों के स्वास्थ्य सेक्रेट्रियों को आदेष दिया कि वे कानून लागू करने पर चार हफ्तों के अंदर रिपोर्ट जमा करें। इस कानून के तहत गुटखा बेचना और बनाना, दोनों ही गैरकानूनी है। अब उत्तर प्रदेश में जल्द ही इसका असर दिखाई देने की संभावना है।
गुटखा व्यापार बंद करने के लिए लागू हुआ कानून
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