गुजरात हाईकोर्ट ने 2 अप्रैल को एक फैसला सुनाते हुए कहा कि पत्नी की असहमति के बाद भी पति शारीरिक संबंध बनाता है तो उसे बलात्कार नहीं माना जाएगा। लेकिन इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि मुख मैथुन (ओरल सेक्स) और अप्राकृतिक संबंध बनाने को क्रूरता की श्रेणी में रखा जाएगा।
दरअसल, कुछ समय पहले एक महिला चिकित्सक ने अपने चिकित्सक पति के खिलाफ बलात्कार और शारीरिक शोषण का मामला दर्ज करवाया था। कोर्ट ने इसी मामले में फैसला सुनाते हुए ये बात कही।
अपने पति के खिलाफ रेप और शारीरिक शोषण का केस करने वाली महिला चिकित्सक ने अपनी अपनी शिकायत में कहा कि उनका पति इच्छा नहीं होने के बाद भी उन्हें सेक्स करने के लिए जबरदस्ती करता है। साथ ही महिला ने अपने पति के पर जबरदस्ती ओरल सेक्स और अप्राकृतिक संबंध बनाने के अलावा दहेज के लिए प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया था। जिसके बाद पत्नी द्वारा लगाए गए आरोपों के चलते महिला के पति ने गुजरात हाईकोर्ट की शरण ली थी।