गुजरात सरकार 20 मार्च को विधानसभा को बताया कि दो साल पहले गिर सोमनाथ जिले के उना तालुका में सरेआम स्वयंभू गोरक्षकों के हमले का शिकार हुए दलितों को किसी नौकरी या जमीन का वादा नहीं किया गया था।
सरकार से यह सवाल जिग्नेश मेवानी ने किया था। वो जानना चाहते थे कि क्या राज्य की तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने जुलाई 2016 में मोटा समाधियाला गांव के अपने दौरे के दौरान पीड़ितों को सरकारी नौकरी या पांच एकड़ जमीन देने का वादा किया था।
उन्होंने यह भी पूछा था कि क्या सरकार ने ये वादे पूरे किए। राज्य के सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्री ईश्वर परमार ने अपने लिखित जवाब में कहा कि वादे लागू करने का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता, क्योंकि ऐसी किसी घोषणा का कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है।
आपको बता दें कि साल 2016 में गुजरात के उना में कथित गौरक्षकों द्वारा दलितों की गई पिटाई का वीडियो सामने आया था। जिसके बाद पूरे देश में इस मामले पर राजनीति शुरू हो गई थी।