गुजरात सरकार के एक अधिकारी ने खुद को विष्णु का दसवां अवतार बताते हुए, दफ्तर आने से मनाकर दिया। खुद को विष्णु का दसवां अवतार कल्कि बताते हुए विश्व चिंतन के लिए ध्यान लगाने के लिए उन्हें घर में ध्यान मुद्रा में रहना पड़ रहा है, क्योंकि दफ्तर में वह ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। सरदार सरोवर निगम में इंजीनियर रमेशचंद्र फेफर अपने दफ्तर से लम्बे समय से अनुपस्थित थे, जब उन्हें इस विषय पर नोटिस मिला तो उन्होंने कहा कि वह ध्यान में रहते थे, जो दफ्तर में नहीं किया जा सकता था।
वह पिछले 8 महीनों में केवल 16 दिन ही दफ्तर गए थे। हालांकि उनकी इस लम्बी अनुपस्थिति की वजह सुनकर प्रशासन असंतुष्ट है। जिस पर उनका कहना है कि वह आने वाले दिनों में सिद्ध कर देंगे कि वह कल्कि हैं। उन्हें 2010 से पता चल गया था कि वह कल्कि हैं और उनमें दैवीय शक्ति है। रमेशचंद्र का ये उत्तर सोशल मीडिया में बहुत वायरल हो रहा है। उन्होंने मीडिया से कहा कि अब मेरे दफ्तर को फैसला करना है कि क्या उन्होंने मुझे दफ्तर में बैठकर समय कटवाना है या देश को सूखे से बचाने के लिए कुछ ठोस काम करवाना है।