जिला चित्रकूट, ब्लाक कर्वी, गांव बैहार। हिंया प्राथमिक स्कूल के छत जर्जर हवै। वा कत्तौ भी बच्चन के ऊपर टूट के गिर सकत हवै, पै बच्चा आपन जान जोखिम मा डार के पढ़ाई करैं का मजबूर हवैं।
स्कूल मा पढ़ै वाले बच्चा समीर, मालती अउर काजल कहिन कि हमका तौ डेर लागत हवै,पै बाप महतारी स्कूल भेजत हवैं। यहै से मजबूरी मा पढ़ै अइत हन। गांव के लक्ष्मिनिया कहिस कि हेड मास्टर स्कूल बनवावैं का ध्यान नहीं देत। कउनौ भी घटना घट सकत हवै।
स्कूल के हेड मास्टर मानसिंह का कहब हवै कि सन् 1962 से स्कूल बना हवै, पै सन् 2012 से स्कूल के छत गिरै के कगार मा हवै। स्कूल के मरम्मत करावैं खातिर बेसिक शिक्षा विभाग मा हर महीना लिखित दरखास दीन जात हवै। 15 सितम्बर 2014 का भी लिखित दरखास दीन गे। स्कूल मा कुल एक सौ बयालिस बच्चा हवैं। उनके जान का खतरा हवै कि कत्तौ स्कूल के छत गिर न जाये। स्कूल के सउहें रेल के पटरी भी हवै। रेलगाड़ी निकरत हवै तौ पूर स्कूल के बिल्डि़ग हिलत हवै। खबर लहरिया पत्रकार भी देखिस कि स्कूल के छत दीवार चटकी अउर खिड़की दरखाजा टूट हवैं। वा स्कूल कबै गिर जाये या नहीं कहा जा सकत।
बेसिक शिक्षा अधिकारी वीरेन्द्र कुमार सिंह कहिन कि मार्च 2015 तक सरकार कइती से बजट पास होइ तौ स्कूल बनी।
गिरै के हालत मा स्कूल, कहां पढ़ै बच्चा
पिछला लेख