जिला बांदा, गांव दशरथ का पुरवा। एक चीज जब तीन जघा बंट जाये तौ वहिकर देखभाल कउनौ नहीं कै सकै। यहै हाल दशरत का पुरवा गांव का है। नरैनी अउर महुंवा ब्लाक के बीच मा फंसा या गांव तीन गांव मुगौड़ा, मोतिहारी, अउर पिपरैही गांव के बीच बंटा है। जेहिसे गांव का विकास का कउनौ प्रधान अउर अधिकारी ध्यान नहीं देत है।
नत्थू राम गर्ग अउर देवप्रकाश का कहब है कि तीन ग्राम पंचायत के बीच मा हमार गांव बंटा है जेहिसे कउनौ प्रधान हमार गांव मा कुछौ विकास का काम नहीं करावत है। कउनौ सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलत आय। कउनौ के शौचालय नहीं बने आहीं।
बरसात मा जउन मड़इन के घर गिर गे रहै उनकर कउनौ मुआवजा नहीं मिलत आय। हम चाहित हन कि हमार अलग ग्राम पंचायत होय, जेहिसे एक प्रधान होइ तौ कुछौ न कुछौ विकास तौ करवइहैं। गांव मा विकास न होय से मड़ई चुनाव बहिष्कार करत रहै पै डी.एम. के कहे से सब मड़ई वोट दिहिन है।
ननिहां, चुनवाद, महेश, अउर शिवपाल का कहब है कि हमार घरन मा शौचालय नहीं आय एकौ कलोनी नहीं मिली आय। हमार गांव ना एकौ मड़इन का गैस सिलेंडर नहीं मिला आय।
स्कूल आहीं न अस्पताल आय। जेहिसे मड़इन का भटके का पड़त है। प्रधान अउर उम्मीदवार चुनाव के समय वोट मांगे बस आवत है। मड़इन का भरोसा देत है कि गांव मा विकास का काम जल्दी करावा जई। पै जीते बाद कोउ पलट के नहीं देखत आय।
रिपोर्टर- गीता देवी
गांव जिलों में बटा हुआ, अब जिम्मेदारी कौन ले? बांदा के दशरत का पुरवा गांव है अनोखे असमंजस में