जिला बांदा। राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवार वोट चुनाव में वोट बटोरने के लिए गांव के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन इस बार गांववासी लगता है, नेताओं से कुछ ज़़्यादा ही नाराज़ हैं। झूठे वादों से ऊब अबकी चुनाव बहिष्कार की घोषणा कर दी है।
ब्लाक नरैनीी, गांव पियार। यहां के कई लोगों ने एकजुट होकर चुनाव 23 मार्च 2014 को डी. एम. कार्यालय में प्रदर्शन किया। लोगों का कहना है कि इस बार यह लोग चुनाव का बहिष्कार करेंगे। दूसरे गांव के लोगों को भी इस विरोध में शामिल करेंगे।
प्रदर्शन में शामिल किसान राकेश, संतोष, भूरेलाल और बाबूलाल ने कहा कि गांव के सभी लोग लोकसभा चुनाव 2014 का बहिष्कार करेंगे। कोई वोट नहीं डालेगा। इनका कहना है कि नेता किसी भी दल का हो चुनाव में बड़े बडे वादे करता है जीतने के बाद गांव का रास्ता भूल जाता है। बिजली, पानी, अस्पताल जैसी बुनियादी सुविधाएं भी लोगों को नहीं मिलतीं। किसानों को हमेशा खाद, सिंचाई, फसल मुआवज़ा और कर्ज़माफी के लिए ठगा जाता है।
झूठ बोलकर छलते हैं नेता – ब्लाक तिन्दवारी, गांव पदारथपुर, मजरा भवानीपुर। यहां के रहने वाले दुल्ली, गोरा,छेदा प्रसाद, मुकुंदी, रामकरण, शिवमंगल और गिटी का कहना है कि वह अपना वोट किसी को नहीं देंगे। क्योंकि जितनी भी सरकारी योजनाएं हैं उनका लाभ ज्यादातर अपात्रों को मिलता है। हम जान चुके है कि नेता मंत्री लालच देकर हमारे साथ छल कपट और धोखाधड़ी करते हैं।
यह हैं, हमारी बुनियादी जरूरतें
बिजली – ट्यूबवेल से नहीं मिलता पानी।
चाहिए पियार से चकला पुरवा तक एंव मुखियन पुरवा से गजपति खुर्द तक सम्पर्क माग बर्नें।
इंटर कालेज। सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र।
फसलों में हुए नुकसान की भरपाई के लिए 10 हजार रुपए प्रति बीघा मिले मुआवज़ा।
नदी के किनारों को सुरक्षित रखने के लिए बनें घाट। गांव के लोगों ने अपनी जरूरतें बताईं।