जिला बांदा। चार साल से बराबर सूखा ओला अउर दैवीय आपदा के मार झेल रहे किसानन के घरन मा अब खाय के लाले परे हैं। सरकार कइत से दीन गे राहत कार्य खातिर लोग लेखपाल अउर बैंकन के रोज चक्कर लगावत हैं, पै उनका कउनौ फायदा निहाय। कतौ लोगन के चेक नहीं भंजत तौ कउनौ का मुआवजा के चेक मिलत ही निहाय। या मारे हजारन किसान परेशान हैं अउर पेट भरैं खातिर काम के तलाश मा रोज का सैकड़न मड़ई परदेश पलायन करत हैं।
नरैनी ब्लाक, गांव लालपुर पुरैनिया। हेंया के किसान चुनबाद, चेला, नन्हे अउर शिवलाल का कहब है कि हमरे मौजा मा 50 प्रतिशत किसानन का सूखा राहत के तहत आवैं वाला दूसर चेक अबै तक नहीं मिला आय। जेहिसे ग्रमीण क्षेत्र का गरीब किसान लेखपाल अउर बैंक के चक्कर लगा लगा के परेशान हैं। जेतने का सरकार कइत से मुआवजा नहीं मिलैं का वहिसे ज्यदा किराया भाड़ा मा खर्च होत है।
तिन्दवारी ब्लाक, गांव वासिलपुर। हेंया का किसान भूरा साहू कहत है कि मोहिका सूखा राहत के तहत 15 सौ रूपिया का चेक एक महीना पहिले मिला रहै। वा चेक का बैंक वाले नहीं भंजत आय। यहिसे मैं 15 मार्च का बांदा तहसील दिवस मा दरखास दइके चेक भंजावैं के मांग करे हौं। तिन्दवारी यू.पी.ग्रामीण बैंक मैनेजर रामऔतार का कहब है कि वहिके चेक के डेट निकर गे है। या मारे नहीं भंज आय। दुबारा से तारीख डलवा के लावै।
लेखपाल अवधेश का कहब है कि मोरे पास जेहिका खाता संख्या है। उनके खाता मा रूपिया भेज दीन गा है। उंई भी आपन खाता संख्या दें।
गांवन मा किसानन के बढ़त समस्या का कारन मेन हैं लेखपाल
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