जिला महोबा, ब्लाक कबरई, गांव कालीपहाड़ी। एते गलाघोटू की बीमारी से लगभग दो दर्जन जानवर मर गये हें। जीसे लाखन को नुकसान भओ हे। ई बात खा लेके गांव के आदमी बोहतई परेशान हें।
मढि़या मोहल्ला वार्ड नम्बर पांच के रामसिंह, जगतसिंह, गुलाबसिंह, बृन्दावन राजपूत ओर मदनपाल ने बताओ कि हमाई दो-दो, चार-चार पडि़या मर गई हे। जीखी कीमत लगभग बीस-बीस हजार हतीे। जभे कि पन्द्रह दिन से जानवर मरत हंे, पे डाक्टरन खे कोनऊ ध्यान नइयां। हम लोगन खे एक भैंस एक हीरा के बराबर होत हे। जानवरन खे इलाज खे तिंदौली से डाक्टर ज्ञानसिंह खे बुलाओ हतो। ऊखे इलाज करें के बाद भी जानवरन खे कोनऊ असर नई परो आय, मुन्नी ने बताओ कि मोए दो पड़ेरू आठ दिन से बीमार हेे। इलाज में दस हजार रूपइया लगो हे, पे अभे कोनऊ आराम नइयां।
कृष्ण गोपाल ने बताओ कि हमाए गांव में लगभग पन्द्रह दिन में पैंतिस जानवर मर गए हंे। अभे 24 जुलाई 2013 खे डाक्टर टीका लगाउन आए हते। जभे कि 15 जून से टीका लगाए को काम शुरू होय का चाहि, पे पन्द्रह जून तो का 15 जुलाई तक कोनऊ टीका लगाएं नई आओ आय।
पशु पालन विभाग के अधिकारी डी.बी.ओ. सादिक अली ने बताओ कि स्टाप की कमी होय से पूरे जिला में एक साथ टीका नई लग पाए हें। जा गलाघोटू की बीमारी नोय, काय से जहां टीका लग गए हें ओते से भी जानवर मरें की खबर आई हे। जा बीमारी (सी.बी.पी.पी.) जानवरों की निमोनिया जेसी लागत हे। ईखी रिपोर्ट जांच करे खे भेज दई हे। ऊखी रिपोर्ट आए खे बाद पता चलहें की जा कोन सी बीमारी हे।
गलाघोटू बीमारी से मरे जानवर
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