भारत एक कृषि प्रधान देष आय। सरकार कै भी कहब बाय कि किसानन का हर प्रकार कै सुबिधा दीन जाए। लकिन गर्मी अउतै पानी कै मारा-मारी शुरु होइगै। अउर नहर, माइनर, तालाब सब सूखा पड़ा बाय। जेसे किसानन कै फसल सुखात बाय।
हर जगह अब यहि समय पै पिपरमिन्ट, उड़द, गन्ना जैसे फसल कै बोवाई चालू बाय। अउर बिन पानी ई फसल हुवब मुश्किल बाय। अउर यहि दिन मा पानी कै सबसे बड़ी समस्या सामने आवाथै। जे किसान खेत मा पिपरमिन्ट लगााय देहे अहैं। उनका हर हप्ता पानी दियब जरुरी रहाथै। लकिन नहर माइनर के भरोसे पिपरमिन्ट लगााय के पछताय का पड़ाथै। काहे से पानी न आवै से हर हप्ता इन्जन से सिंचाई मुष्किल बाय। नहर मा पानी खोला जाए कै भी अजीब सिस्टम बाय। कभौ यतना पानी भरके आवाथै कि किसानन के फसल मा बिना खोले उफनाय के बहिके भर जाथै। अउर फसल खराब होय जाथै। सारी मेहनत मिट्टी मा मिल जाथै।
का ई बात कै चिन्ता सिंचाई विभाग अउर सरकार कै ना आय? अगर नहर मा पानी छोड़ै खातिर विभाग मा कहा भी जाथै तौ विभाग वाले कहि दिया थे। कि पानी नहर मा छोडि़ दीनगा बाय। का किसानन का आपन फसल बरबाद करै कै सउक लाग रहाथै। ई बहुत सोचै वाली बात बाय कि सरकार का किसान के समस्या का जल्दी खतम करब जरुरी बाय। नाहीं तौ का नाम खातिर भारत कृषि प्रधान देष आय।
गर्मी अउते सूखै लाग फसल
पिछला लेख