जिला बनारस, ब्लाक चोलापुर, चिरई गांव। बनारस के कई गांवों में गरीबी रेखा से नीचे (बी.पी.एल.) रह रहे लोगों को अब तक सरकारी आवास नहीं मिले हैं।ब्लाक चोलापुर गांव पराना पट्टी के लगभग बीस घर के लोगों के पास आवास नहीं है। यहां के रहने वाले लोग वंषराज, प्रहलाद, घूरे ने बताया कि कमाई का कोई स्थायी जरिया नहीं है। आय के मुकाबले खर्च बहुत ज्यादा है। बीपीएल की सूची में नाम है लेकिन अब तक आवास नहीं मिला है। चिरई गांव ब्लाक के गांव नरपतपुर की दलित बस्ती में किसी के पास भी सरकारी आवास नहीं है। यहां के पुनवासी, फुरसती, बिलू इन लोगों का कहना है कि हम लोगों के पास ना कच्चा घर है और ना ही पक्का घर है। ईंटों के ऊपर पन्नी छाकर रहते हैं। इन लोगों ने बताया कि प्रधान से इस बारे में जब भी बात की गई तो वो घर देने के बदले दस हजार रुपए की मांग करते हैं। उधर गांव के प्रधान दूधनाथ का कहना है कि आवास के लिए सर्वे चल रहा है। सर्वे के बाद योग्य लोगों को आवास मिलेगा।
गरीबों को नहीं मिल रहे सरकारी आवास
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