मैसूर के राजीव नगर में रहने वाली अस्मा के सात भाई-बहन है। वे सब एक किराए के मकान में रहते हैं, जिसका किराया 3000 रूपए है। अस्मा पोलियो से पीड़ित है, और अपने परिवार में वो अकेली ऐसी लड़की है जिसने 12वीं करने के बाद कोर्स किया और आज एक बीमा अभिकर्ता के रूप में 4000 रूपये महिना कमाती हैं।
अस्मा एक ऐसे तबके से आती हैं जहां लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र में करवा दी जाती है। जहां उन्हें ज्यादा पढ़ने और नौकरी करने की इजाजत नहीं होती। अस्मा के पिता की भी कुछ ऐसी ही सोच थी, लेकिन अस्मा ने हार नही मानकर संघर्ष करते हुए अपने लक्ष्य को पाने के लिए कड़ी मेहनत की।
अस्मा की शुरुआत मैजिक बस आजीविका केंद्र से हुई, जो उनके घर से 5 किमी की दूरी पर था, और पोलियो की वजह से उसे वहां पहुंचे में दिक्कत आती थी, पर वे जाने लगी। इससे अस्मा ने खुद पर विश्वास करना और कठिनाई से लड़ना सीखा। ऐसे अनुभवों से उनके अन्दर सकारात्मकता और हिम्मत बढती गयी, और वे बीमा अभिकर्ता के रूप में काम करने लगी।
अस्मा का कहना है कि वे भविष्य में अपना खुद का व्यापार करने की चाह रखती हैं।