आखिरकार तमाम धरना प्रदर्षन, आन्दोलन के बाद चीनी मिल गन्ना के पेराई कै सहमति दै दिहे बाय लकिन देखै का ई बाय कि गन्ना किसान यसे संतुष्ट अहैं या नाय? काहे से किसानन कै धरना अबहीं भी जारी बाय।
गन्ना किसान समस्या का लइके जगह-जगह धरना करत अहैं कहूं कलेकटेट पै गन्ना फूंकके तौ कहूं बैठक कइके लकिन फिर भी उनके समस्या कै समाधान नाय भै। शासन से गन्ना खरीद मूल्य तीन सौ रुपया अउर पिछला बकाया पैसा कै भुगतान न हुवय के कारण किसान परेषान अहैं।
अम्बेडकर नगर मा मिझौड़ा मील अबहीं तक चालू नाय भै बाय जेसे किसानन कै गेहूं कै बुआई पिछड़ जात बाय। गेहूं कै बुआई न होय पावै से किसानन कै केतना नुकसान होय जाये आंकड़ा नाय लगाय जाय सकत।
अम्बेडकरनगर कलेक्टेट पै 27 नवम्बर से किसान अनिष्चित कालीन धरना धरे अहैं। साथ साथ अम्बेडकर नगर मा धान केन्द्र नाय खुला बाय। उनके सबकै कहब बाय कि जब तक मांग पूरी न होये तब तक धरना जारी रहे। 6 दिसम्बर तक धरना जारी रहा।
गन्ना जलाय के करिन धरना प्रदर्षन
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