किसानों की हड़ताल को देखते हुए केंद्र सरकार गन्ना किसानों के लिए 7000 करोड़ रुपये के बेलआउट पैकेज का एलान कर सकती है।
गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर 22000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। साथ ही सरकार चीनी आयात पर ड्यूटी को 50 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी कर सकती है। इसके अलावा चीनी का न्यूनतम मूल्य 30 रुपये प्रति किलोग्राम तय किया जा सकता है।
सूत्रों का कहना है कि इस बारे में होने वाली आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक में फैसला लिया जा सकता है।
पिछले महीने सरकार ने गन्ना किसानों का बकाया चुकाने के लिए मिलों की मदद के लिए उत्पादन संबंधी 1500 करोड़ रुपये की सब्सिडी की घोषणा की थी। चीनी की कीमतों में तेजी से कमी के चलते मिलों की आर्थिक हालत खस्ता हो गई जिसके चलते वे किसानों के बकाये का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं।
2017-18 सत्र में अब तक 31.6 मिलियन टन चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन हो चुका है। अकेले उत्तर प्रदेश में ही 12000 करोड़ रुपये से अधिक का गन्ना किसानों का बकाया है। यूपी देश में सबसे अधिक गन्ने का उत्पादन करता है।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार चीनी मिलों द्वारा किसानों के बकाये का भुगतान कराने के लिए उपायों पर काम कर रही है। इसी के तहत 7000 करोड़ रुपये के बेलआउट पैकेज का प्रस्ताव किया गया है। खाद्य मंत्रालय ने चीनी का 50 लाख टन का बफर स्टॉक तैयार करने का प्रस्ताव दिया है।