एक तौ बेमौसम बरसात से किसानन के पास कुछ नाय बचा बाय। उनके पास सिर्फ गन्ना कै पैसा बचा रहा उहौ समय पै नाय मिलत बाय।
चीनी मील वाले गन्ना तौ लै लियाथिन। लकिन जल्दी भुगतान न हुवय से किसानन का काफी दिक्कत हुआथै। जेसे किसान जगह जगह धरना प्रदर्षन अउर षासन प्रषासन कै पुतला फूंकै का मजबूर हुआथिन।
मील चालू हुवय के पहिले षासन प्रषासन काफी बड़ा बड़ा दावा गन्ना किसानन के ताई कराथै। लकिन जब किसान के लाभ कै बात आवाथै तौ मील वालेन कै बहुत सवाल होय जाथै। अब पन्द्रह दिन के अन्दर। यही प्रक्रिया चलावै लकिन किसानन के पैसा कै भुगतान नाय हुवत बाय। अम्बेडकर नगर के कइयौ ब्लाक के गांवन के मनई कै पैसा नाय आय। जेसे उनका काफी दिक्कत कै सामना करै का परत बाय। अक्सर गरीब किसानन के मुंह से सुनै का पराथै कि दस विस्या या एक बीघा गन्ना बोये रहेन कि बिटिया कै षादी करब। या फिर कर्ज चुकाय दियब लकिन मील अबहीं तक भुगतान नाय करत बाय। यहि प्रकार से किसानन कै समस्या रहाथै फिर भी षासन प्रषासन किसानन के तरफ ध्यान काहे नाय दियत? चीनी मील बन्द भये लगभग दुई महीना होयगै लकिन अबहीं तक किसानन कै गन्ना कै पैसा काहे नाय दीन गै? हर किसान आपन समस्या खतम करै का नया नया तरीका ढ़ूंढ़ाथै। लकिन किसानन कै सुनै वाला केहू नाय बाय। यही कारण से किसान आज यतना मजबूर अहैं।
मुख्यमंत्री कै सचिव षम्भू सिंह यादव भी मील मालिकन का पांच मई तक समय देहे रहिन। यहि सीजन मा उत्तर प्रदेष गन्ना किसानन कै लगभग सात करोड़ रुपया कै भुगतान रुका बाय। पिछले साल भी चार करोड़ रुपया कै भुगतान नाय कीन गै रहा।
गन्ना किसानन कै बढ़ी समस्या
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