मोदी सरकार द्वारा गंगा नदी को साफ करने के लिए नमामि गंगे जैसी योजना बनाई गई लेकिन इसके बाद भी लगातार प्रदूषित हो रही गंगा नदी के लिए अब सख्ती से कदम उठाया जा रहा है, इसके लिए सरकार नई कोशिशें कर नई योजनाएं बनाने जा रही है।
इस योजना के तहत गंगा संरक्षण टीम यानि गंगा प्रोटेक्शन कॉर्पस बनाने की तैयारी है, जो शस्त्रों से सक्षम होगी और इसके कर्मियों के पास नदी को प्रदूषित करने वालों को गिरफ्तार करने की शक्ति होगी। इस तरह से कई प्रकार की कार्रवाई की जाएगी। संज्ञेय अपराधों के लिए 3 साल तक के लिए जेल और 5 लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जाएगा।
ये प्रस्ताव रखने वालों का मानना है कि वर्तमान पर्यावरण कानून नदी को बहाल करने और संरक्षित करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। यह विधेयक एक राष्ट्रीय गंगा परिषद और राष्ट्रीय गंगा कायाकल्प प्राधिकरण के लिए कानून लागू करने और 2500 किमी से अधिक नदी की रक्षा करने के लिए कहता है।
बता दें, गंगा और इसकी किसी भी सहायक नदियों में वाणिज्यिक मछली पकड़ने या एक्वा कलचर गतिविधियों पर दो साल के लिए जेल या 2 लाख रुपये या दोनों का प्रावधान है।
गंगा के सक्रिय बाढ़ मैदान क्षेत्र में आवासीय, वाणिज्यिक और आवासीय उद्देश्यों के लिए स्थायी संरचना का निर्माण करने पर दो साल की जेल या 50 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है।
यही नहीं, कोई भी व्यक्ति या नगर पालिका प्राधिकारी किसी भी औद्योगिक, आवासीय या व्यावसायिक परिसर या संरचना को स्थापित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाएगा। जिसके परिणामस्वरूप गंगा में किसी भी सीवेज या व्यापार प्रदूषण का निर्वहन हो सकता है। इस पर 5 साल की जेल या प्रति दिन 50,000 रुपये का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।