जिला ललितपुर, ब्लाक महरौनी, गांव बढ़ई का कुआं अगर खेल खेल में पढ़ाई हो जाबे तो का बात हे। लेकिन एसी खेल खेल में पढ़ाई आज भी होत बढई के कुआं में रचनात्मक शिक्षा।
पढाई में बच्चन को मन भी लगत और उन्हें पढ़बे में भी मजा आत। कछु बच्चा तो खेल खेलबे के लाने रोज आत के खेल खेलबे मिलत।
काय के आज कल सरकारी स्कूल में बच्चा का जात पढ़बे के लाने। काय के कछु बच्चन की लापरवाही रत तो कछु मास्टरन की के बे बच्चन पे ध्यान नई देत लेकिन इते बच्चन को खेल भी खिलाओ जात और खेल खेल में पढ़ाई भी करवाई जात।
गंनेशी बाई प्रधान अध्यापक ने बताई के बच्चा खेलबे में ज्यादा रूचि रखत जा से हम उन्हें खेल खेल में शिक्षा देत जेसे बोल भई कितने या तुम जा खेल में नही जीते तो गिनती सुनाओ या पहाड़े सुनाओ।
राजनन्दनी ने बताई के हम ओरन को भोत मजा आत खेल खेल में पढ़बे में और कविता, गाना, भी सुनात। जेसे अगर नई जीत पात तो।
अंशुल ने बताई के एक बच्चा को बहार भेजत फिर बासे पूछत के कोन ने सुनाई गिनती अगर बो नई बता पात तो फिर बो खुद सुनात गिनती के कहानी, चुटकुला कछु भी। लंच के बाद रोज खेलत कबहु संख्या वालो खेल कबहु शेर बकरी को भोत मजा आत। और पढ़ाई भी हो जात।
रिपोर्टर- सुषमा
30/09/2016 को प्रकाशित