सरकार किसानन के ताई नहर कै सुविधा देहे बाय कि किसानन कै फसल सूखै से बचै अउर अच्छी पैदावार हुवय। फैजाबाद अउर अम्बेडकरनगर मा यकै उल्टा असर देखात बाय। नहर कै सफाई तौ कराय दीन गै लकिन छोट-छोट माइनर के सफाई न करावै से खेत तक पानी नाय पहुंचत बाय। जेसे फसल सूख जात बाय।
नहर के किनारे के खेत वाले मनईन कै तौ नहर के सिचांई कै काफी उम्मीद रहा थै। लकिन अबकी बार तौ दुई तीन महीना पानी नाय आय। मई महीना मा सफाई कराई गै। तब तक किसान कउनौ तरह से फसल कै सिंचाई करिन। अउर अब पानी आवै के बावजूद खेत तक पानी न पहुंचै से सारी फसल बर्वाद होय जात बाय। एक तौ अपै्रल-मई मा बेमौसम बरसात किसानन पै भरी पड़ा। जेहमा कउनौ फसल नाय होय पाय। अउर अब नहर के माइनर मा पानी न पहुंचै से बहुत परेषानी हुचत बाय। मनइन कै कभै ज्यादा आवै से फसलै डूब जात रही लकिन अबकी न सफाई भै न खेत तक पानी पहुंचा।
षासन-प्रषासन भी नहर कै यफाई करवाय दिहिन लकिन ई काहे नाय ध्यान दियत कि जब तक माइनर के सफाई न होये तब तक खेत तक पानी कैसे पहंचे आखिरी माइनर के किनारे तौ मनइन कै खेत बाय जेका माइनर से सिंचाई कै काफी उम्मीद बाय। षासन-प्रषासन का काफी ध्यान दियै कै जरूरत बाय। कि माइनर कै सफाई जल्दी से जल्दी कराय जाए। नाहीं तौ उन किसानन कै काव होये जेकै खेत माइनर के किनारे बाय। अउर उनका सिर्फ वही कै उम्मीद बाय।