बिहार सरकार ने खुले में शौच करने से रोकने के लिए शिक्षकों को तैनात करने का फैसला लिया है। सरकार ने शिक्षकों से खुले में शौच करने वालों पर नजर रखने और उनकी फोटो खींचने के लिए कहा है। बल्कि इसे ‘खुले में शौच करने वालों के साथ सेल्फी’ अभियान ही कहा जा रहा है। ब्लॉक शिक्षा अधिकारिओं द्वारा जारी किए गए एक नोटिस में कहा गया है कि शिक्षकों को इस काम के लिए सुबह पांच बजे और शाम को चार बजे की दो पाली दी गई हैं।
वहीँ, शिक्षकों ने बीडीओ द्वारा जारी इस नोटिस का विरोध किया है।
औरंगाबाद जिला प्रशासन ने देऊ ब्लॉक की पवई पंचायत को 31 दिसंबर, 2017 तक खुले में शौच मुक्त बनाने का फैसला किया है। इसके लिए यहां 18 नवंबर से ही 61 शिक्षकों को अभियान का हिस्सा बनाया गया है।
शिक्षक संगठन का कहना है कि वह इस पहल का समर्थन करते हैं, लेकिन निर्देशों का पालन करना मुश्किल है, क्योंकि इससे शिक्षकों की बेइज्जती होती है।